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Showing posts from December, 2019

खबरों में बने रहने के लिए नेहरू -अवशेषी ये कुनबा खासकर वाड्रा ख्याति की प्रियंका जी वाड्रा तथा उनके अतिमूढ़ -मति भाई जान ! किसी न किसी कायदे -कानून को सरे आम ठेंगा दिखाते रहते हैं

खबरों में बने रहने के लिए नेहरू -अवशेषी ये कुनबा खासकर वाड्रा ख्याति की प्रियंका जी वाड्रा तथा उनके अतिमूढ़ -मति भाई जान ! किसी न किसी कायदे -कानून को सरे   आम ठेंगा दिखाते रहते हैं माम -डेड संस्कृति में पले बढे ये भैया बहन जोड़ा कृपया भारतीय संस्कृति को अपने अति -ज्ञान से अलंकृत न करें। महाभारत का युद्ध धर्म युद्ध था आज सड़कों पर ये कुनबा जिस युद्ध की अगुवाई कर रहा है वह क्या कुनबाई महाभारत है ? शांति का सन्देश दे रहें हैं ये भाई बहन सड़कों पर युवा भीड़ को लाल कपड़ा दिखाकर ? क्या वह भारतीय परम्परा थी हमारे प्यारे राजीव गांधी के हत्यारों को क्षमा करना इनकी सुश्री माता श्री एवं स्वयं प्रियंका जी द्वारा। भारतीय परम्परा में शत्रु की आँखें निकाल ली जाती हैं राज पूतनीयां रणचंडी बन खड़ी होती हैं पति के हत्यारे को मौत के घाट उतारने की शपथ ले लेती हैं।भारतीय संस्कृति और अध्यात्म पर भी अब ये जनेऊ दिखाऊ कुनबा सम्भाषण करेगा ? 

जिनका मन काला होता है उनका दिल भी काला होता है

  जिनका मन काला होता है उनका दिल भी काला होता है ऐसा मनोरोगों के माहिर सभी मनोविद (साइक्याट्रिस्ट )और मनो -रोगों के सलाहकार क्लिनिकल साइक्लोजिस्ट कहते हैं। 

गोधरा करवाने का जेहादियों के साथ किनका तालमेल था ?यह जग जाहिर है। हिन्दू परिवारों को तोड़ने के लिए ऐसे क़ानून बनाये के बहन भाइयों के सहज मेल को नष्ट कर उन्हें संपत्ति अधिकार में उलझा दिया

४४० सांसदों वाले ऊपरले और निचले सदनों ने यानी अपर और लोवर हाउस ने जिस नागरिकता संशोधन बिल को पारित किया है उसे प्रियंका वाड्रा देश को तोड़ने वाला कदम बतला रहीं हैं। देश को तोड़ने का काम इनकी अम्मा जी और सुबुद्ध भाईसाहब सरे आम करवा रहें हैं पेट्रोल से (गाड़ियां जलवाकर ),सड़कों पर पथ्थर बाज़ी से हद दर्ज़े की हुल्लड़बाजी से जामिया में दस नंबरियों को घुसवाने का षड्यंत्र इन्हीं लोगों ने रचा है इसकी पटकथा इन्होनें पहले ही लिख ली थी। रायसीना हिल पर दवाब इन्हीं की अगुवाई में डाला गया है। इनकी अम्मा ने आते ही जयेन्द्र सरस्वती को गिरफ्तार करवाया था। इनकी दादी के पिता श्री द्वारा ये बांट के देश को खाने का काम शुरू हुआ था। जिन्ना जो कभी हिन्दू मुस्लिम एकता के पक्षधर थे इन्हीं की शह पर बाद में देश के सांप्रदायिक आधार पर बांट के आधा आधा खाने पे अड़ गए।अल्लामा इकबाल ने पाक जाने के बाद अपना रूख और भी कड़ा करते हुए लिखा सारा जहां हमारा। उसी का विकृत रूप इस्लामिक बुनियाद परस्ती दहशद गर्दी बनी है।     पहले अंग्रेज़ों से मिलकर सिखों को अलग करवाया फिर  ,जैनियों को वृहत्तर दायरे से सनातन धर्म के बाहर निकलवाया यह त

खुद सोनिया जी हिंदी उचक उचक के ऐसे पढ़तीं है जैसे किसी मदरसे के बालक पढ़ रहें हों- अलिफ़ ,बे, ते ....

(मोहनदास करमचंद गांधी )नाम की चोरी करने वाले घेंडी  गांधी कब हुए ?कैसे हुए ?आजतक किसी ने शीर्ष अदालत में जाकर नहीं पूछा। जाट कालिज रोहतक में हमारे एक प्राध्यापक बंधू (बंधु ?) हुआ करते उनके एक और भाई थे उनकी मॉडल टाउन चौक (रोहतक )में एक किताबों की दूकान(किताब घर )हुई करती थी उनका एक छोटा भाई दूकान पर बैठता था खाली वक्त में प्रोफ़ेसर साहब भी दूकान पर आ जाते थे। लोग उनकी इज़्ज़त करते थे। आज सोनिया जी को बतलाते चलें जिनकी सासु माँ नेहरू जी ,जवाहरल लाल की एक लाड़ली  बेटी प्रियदर्शनी नेहरू  घेंडी कहलाती थीं उनका ज़िक्र नाहक इसलिए जुबां पर आया है क्योंकि आज मुशरफ्फ सोच के लोग रायसीना हिल का घेराव कर रहें हैं। इन्हीं इंदिराम्मा ने देश पर आपातकाल  थोपा था।ईसवी सन था १९७५ में। तब क्या देश का मान बढ़ा था ? आज पड़ोसी पाकिस्तान के पेशावर हाईकोर्ट ने जनाब मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाई है। कसूर इनने (इन ज़नाब ने )पाकिस्तान में आपातकाल सिर्फ अपनी गद्दी बचाने के लिए मढ़ दिया था। आज श्रीमती प्रियंका वाड्रा नरेंद्र मोदी की सरकार के बारे में कहतीं हैं नागरिक संशोधन बिल लाकर इस सरकार ने देश का मान घटाया है। पूछा

महाभारत में कहा गया है : यन्न भारते !तन्न भारते !अर्थात जो महाभारत में नहीं है वह अन्यत्र भी नहीं है।ज़ाहिर है अभी जेनेटिक्स भी उन ऊंचाइयों को स्पर्श नहीं कर सकी हैं जो यहां वर्णित हैं

महाभारत में कहा गया है : यन्न भारते !तन्न भारते !अर्थात जो महाभारत में नहीं है वह अन्यत्र भी नहीं है।ज़ाहिर है अभी जेनेटिक्स भी उन ऊंचाइयों को स्पर्श नहीं कर सकी हैं जो यहां वर्णित हैं।    पुराणों में जो कहा गया है वह शुद्ध भौतिक विज्ञानों का निचोड़ भी हो सकता है ,सारतत्व भी। ज़रूरी नहीं है वह महज़ मिथ हो और चंद लेफ्टिए मिलकर उसका मज़ाक बनाते  उपहास करते फिरें । मसलन अगस्त्य मुनि को 'घटसम्भव' कहा गया है। 'कुंभज' और 'घटयौनि' भी 'कलशज :' भी ; एक ही अभिप्राय है इन  पारिभाषिक नामों का जिसका जन्म घड़े से कलश से हुआ है वही अगस्त्य है सप्तऋषि मंडल का शान से चमकने वाला कैनोपास (Canopus )ही अगस्त्य है जो लुब्धक (sirius)के बाद दूसरा सबसे चमकीला ब्राइट स्टार है।  गांधारी के बारे में कहा जाता है जब उसे पता चला कुंती एक बच्चे को उससे पहले जन्म देने वाली है (युधिष्ठिर महाराज ज्येष्ठ पांडव उस समय कुंती के गर्भ में ही थे )उसने ईर्ष्या वश अपने गर्भ में पल रहे भ्रूण के मुष्टि प्रहार से सौ टुकड़े कर दिए यही सौ कौरव बनकर आये। एक ही फर्टिलाइज़्द ह्यूमेन एग के मुष्टि प्रहार से

कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना

कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना  एक अधीर रंजन जी हैं कौन सी पार्टी या दल के हैं हमें नहीं मालूम। बहरसूरत नेहरू कांग्रेस की सोनिया जी को इंगित करके कई लोग इधर पूछ रहें हैं इन्हें सोनिया जी ने कहाँ से पकड़ा। अपनी जिज्ञासा का शमन करने के लिए हमने इनके विषय में भारत धर्मी समाज के मुखिया आचार्य नंदलाल मेहता वागीश जी (विचारक एवं पूर्व में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के फेलो )से बात की तो उन्होंने बतलाया : अधीर रंजन नाम के किसी शख्स ने    पूर्व रक्षामंत्री  और वर्तमान केंद्रीय सरकार में वित्तमंत्री निर्मला सीता रमन के बारे में कहा है वह अबला हैं। ऐसा कहकर उन्होंने न सिर्फ महारानी रानीलक्ष्मी बाई ,ज्योतिबा फुले ,कस्तूरबा गांधी और  हीरा बेन का अपमान किया है दुर्गा की उपाधि से विभूषित इंदिरा प्रिय दर्शनी (नेहरू) गांधी को भी अपमानित किया है। लगता है अधीर की नज़र में फिलवक्त एक ही सबला है सोनिया मायनो उर्फ़ सोनिया गांधी। सोनिया जी यदि उनका गला भी पकड़ लें तो यकीन मानिये ये ज़नाब कहेंगे वाह क्या गला दबाया है गले में दर्द था ठीक हो गया।  ये ज़नाब आजकल उतने ही मुखर हैं जितना के कभी राज ठाकरे साहब थे।