Skip to main content

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।

Karpur Gauram Mantra: भगवान शिव की आरती के बाद जरूर पढ़ते हैं यह मंत्र

हिंदू सनातन धर्म में पूजा के समय मंत्र उच्चारण का बहुत महत्व माना जाता है। शास्त्रो में भी सभी देवी-देवताओं की पूजा में अलग-अलग मंत्रों के उच्चारण का विशेष महत्व बताया गया है। मंत्र जाप करने या उच्चारण करने का केवल धार्मिक महत्व ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक महत्व भी माना जाता है। मंत्र जाप करने से शरीर में एक प्रकार का कंपन उत्पन्न होता है, जिससे हमारे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह होता है। हिंदू धर्म में हर मांगलिक अनुष्ठान मंत्रोच्चारण के साथ ही संपन्न किया जाता है। मंदिरों में दैनिक पूजा में आरती के पश्चात कुछ मंत्रो का उच्चारण विशेष रुप से किया जाता है। एक मंत्र ऐसा भी है जिसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। इस मंत्र का उच्चारण अवश्य किया जाता है।

https://www.amarujala.com/spirituality/religion/know-the-karpur-gauram-karunavtaram-mantra-meaning-and-significance-in-hindi

भगवान शिव की आराधना का पवित्र माह सावन आज से शुरू हो गया है। आज से 30 दिनों तक भगवान शिव और माता पार्वती के साथ उनके परिवार की भी पूजा होगी। समस्त मंगलकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान शिव और माता पार्वती से बढ़कर इस संसार में कोई नहीं है। देवों के देव महादेव सावन मास में पूजा के दौरान भक्तों से जल पाकर ही प्रसन्न हो जाते हैं। भक्तजन विधि विधान से शिव-शक्ति की पूजा अर्चना करते हैं और भगवान शिव की आरती करते हैं।

आप सबने अक्सर देखा और सुना होगा कि भगवान शिव की आरती के बाद कर्पूरगौरं मंत्र का उच्चारण किया जाता है। लगभग सभी देवी-देवताओं की आरती के बाद इस मंत्र को पंडित जी बोलते हैं। आखिर ऐसा क्यों है? इस मंत्र का अर्थ क्या है? आइए जानते हैं इसके बारे में।

कर्पूरगौरं मंत्र

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।

Sawan 2020 Karpur Gauram Mantra: भगवान शिव की आरती के बाद जरूर पढ़ते हैं यह मंत्र
Publish Date:Mon, 06 Jul 2020 03:12 PM (IST)Author: Kartikey Tiwari

Sawan 2020 Karpur Gauram Mantraआप ने अक्सर सुना होगा कि भगवान शिव की आरती के बाद कर्पूरगौरं मंत्र का उच्चारण किया जाता है। आखिर ऐसा क्यों है? इस मंत्र का अर्थ क्या है?

Sawan 2020 Karpur Gauram Mantra: भगवान शिव की आराधना का पवित्र माह सावन आज से शुरू हो गया है। आज से 30 दिनों तक भगवान शिव और माता पार्वती के साथ उनके परिवार की भी पूजा होगी। समस्त मंगलकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान शिव और माता पार्वती से बढ़कर इस संसार में कोई नहीं है। देवों के देव महादेव सावन मास में पूजा के दौरान भक्तों से जल पाकर ही प्रसन्न हो जाते हैं। भक्तजन विधि विधान से शिव-शक्ति की पूजा अर्चना करते हैं और भगवान शिव की आरती करते हैं।

आप सबने अक्सर देखा और सुना होगा कि भगवान शिव की आरती के बाद कर्पूरगौरं मंत्र का उच्चारण किया जाता है। लगभग सभी देवी-देवताओं की आरती के बाद इस मंत्र को पंडित जी बोलते हैं। आखिर ऐसा क्यों है? इस मंत्र का अर्थ क्या है? आइए जानते हैं इसके बारे में।

कर्पूरगौरं मंत्र

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।

Ads by Jagran.TV

सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।

मंत्र का अ​र्थ: कर्पूर जैसे गौर वर्ण वाले, करुणा के अवतार, संसार के सार, सर्प का हार धारण करने वाले, वे भगवान शिव शंकर माता भवानी के साथ मेरे हृदय में सदा निवास करें। उनको मेरा प्रणाम है।

आरती के बाद इस मंत्र के बोलने के पीछे की वजह भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह से जुड़ी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु ने महादेव और माता पार्वती के विवाह के समय कर्पूरगौरं मंत्र को स्वयं बोला था, जिसमें भगवान शिव के विकराल और दिव्य स्वरूप का सार समाहित है।


Sawan 2020 Karpur Gauram Mantra: भगवान शिव की आरती के बाद जरूर पढ़ते हैं यह मंत्र
 कृपया यहां भी आएं https://www.patrika.com/dharma-karma/karpur-gauram-karunavtaram-in-hindi-2973837/

Comments

Popular posts from this blog

महाभारत में कहा गया है : यन्न भारते !तन्न भारते !अर्थात जो महाभारत में नहीं है वह अन्यत्र भी नहीं है।ज़ाहिर है अभी जेनेटिक्स भी उन ऊंचाइयों को स्पर्श नहीं कर सकी हैं जो यहां वर्णित हैं

महाभारत में कहा गया है : यन्न भारते !तन्न भारते !अर्थात जो महाभारत में नहीं है वह अन्यत्र भी नहीं है।ज़ाहिर है अभी जेनेटिक्स भी उन ऊंचाइयों को स्पर्श नहीं कर सकी हैं जो यहां वर्णित हैं।    पुराणों में जो कहा गया है वह शुद्ध भौतिक विज्ञानों का निचोड़ भी हो सकता है ,सारतत्व भी। ज़रूरी नहीं है वह महज़ मिथ हो और चंद लेफ्टिए मिलकर उसका मज़ाक बनाते  उपहास करते फिरें । मसलन अगस्त्य मुनि को 'घटसम्भव' कहा गया है। 'कुंभज' और 'घटयौनि' भी 'कलशज :' भी ; एक ही अभिप्राय है इन  पारिभाषिक नामों का जिसका जन्म घड़े से कलश से हुआ है वही अगस्त्य है सप्तऋषि मंडल का शान से चमकने वाला कैनोपास (Canopus )ही अगस्त्य है जो लुब्धक (sirius)के बाद दूसरा सबसे चमकीला ब्राइट स्टार है।  गांधारी के बारे में कहा जाता है जब उसे पता चला कुंती एक बच्चे को उससे पहले जन्म देने वाली है (युधिष्ठिर महाराज ज्येष्ठ पांडव उस समय कुंती के गर्भ में ही थे )उसने ईर्ष्या वश अपने गर्भ में पल रहे भ्रूण के मुष्टि प्रहार से सौ टुकड़े कर दिए यही सौ कौरव बनकर आये। एक ही फर्टिलाइज़्द ह्यूमेन एग के मुष्टि प्रहार से

मज़ारों से दुआएँ माँगते हो अक़ीदे किस क़दर पोले हुए हैं

The plea has sought directions to the Centre to stop dissemination of fake news and take strict action against the section of the media spreading bigotry and communal hatred in relation to the Nizamuddin Markaz issue. As the number of coronavirus-positive cases related the Tablighi Jamaat congregation in Delhi continued to rise, the Jamiat Ulema-e-Hind moved the Supreme Court seeking directions to the Centre to stop dissemination of "fake news" and take strict action against a section of the media for spreading communal hatred and bigotry. The plea filed by Jamiat Ulema-e-Hind and the secretary of its legal cell, through lawyer Ejaz Maqbool, contended that the unfortunate incident of the Tablighi Jamaat was being used to "demonise" and blame the entire Muslim community. At least 9,000 people had participated in the religious gathering at Tablighi Jamaat's headquarters in Nizamuddin West last month. The congregation became a key source for the spread of

गोधरा करवाने का जेहादियों के साथ किनका तालमेल था ?यह जग जाहिर है। हिन्दू परिवारों को तोड़ने के लिए ऐसे क़ानून बनाये के बहन भाइयों के सहज मेल को नष्ट कर उन्हें संपत्ति अधिकार में उलझा दिया

४४० सांसदों वाले ऊपरले और निचले सदनों ने यानी अपर और लोवर हाउस ने जिस नागरिकता संशोधन बिल को पारित किया है उसे प्रियंका वाड्रा देश को तोड़ने वाला कदम बतला रहीं हैं। देश को तोड़ने का काम इनकी अम्मा जी और सुबुद्ध भाईसाहब सरे आम करवा रहें हैं पेट्रोल से (गाड़ियां जलवाकर ),सड़कों पर पथ्थर बाज़ी से हद दर्ज़े की हुल्लड़बाजी से जामिया में दस नंबरियों को घुसवाने का षड्यंत्र इन्हीं लोगों ने रचा है इसकी पटकथा इन्होनें पहले ही लिख ली थी। रायसीना हिल पर दवाब इन्हीं की अगुवाई में डाला गया है। इनकी अम्मा ने आते ही जयेन्द्र सरस्वती को गिरफ्तार करवाया था। इनकी दादी के पिता श्री द्वारा ये बांट के देश को खाने का काम शुरू हुआ था। जिन्ना जो कभी हिन्दू मुस्लिम एकता के पक्षधर थे इन्हीं की शह पर बाद में देश के सांप्रदायिक आधार पर बांट के आधा आधा खाने पे अड़ गए।अल्लामा इकबाल ने पाक जाने के बाद अपना रूख और भी कड़ा करते हुए लिखा सारा जहां हमारा। उसी का विकृत रूप इस्लामिक बुनियाद परस्ती दहशद गर्दी बनी है।     पहले अंग्रेज़ों से मिलकर सिखों को अलग करवाया फिर  ,जैनियों को वृहत्तर दायरे से सनातन धर्म के बाहर निकलवाया यह त