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They Love Their Water Bodies (US and India III installments ,HIndi ):प्रेम करो जल से थल से नभ से तभी खुद को प्रेम कर पाओगे। हमारा पर्यावरण पारिस्थितिकी ही तो हम हैं

 शिकागो में शिकागो नदी के अलावा एक झील भी है एक पूरा हिमनद (ग्लेशियर )इसका नियमित जलश्रोत है। संध्या को शिकागो स्काई लाइन देखते वक्त मैंने देखा झील के निर्मल पारदर्शी पानी में तलहटी में पड़ा एक पैन्स भी गोचर होगा मुखरित होगा किसी सुमुखि के चेहरे सा। नियाग्रा फाल्स को नियाग्रा शहर (कनाडा )और बुफैलो (न्यूयॉर्क ,अमरीका )की तरफ से भी देखा बुफालो साइड से फाल के नज़दीक पहुँच कर देखा सिक्के पड़े हैं स्वच्छ जल में अपनी अलग पहचान और अस्तित्व के साथ। 

यहां अपने प्रांगण में गंगा एवं इतर नदियाँ   गीत संगीत में हमारे  गानों में हमारी माँ हैं  व्यवहार में रखेल सा बर्ताव क्या हम उनके साथ नहीं करते शव से लेकर कुछ भी उनमें विसर्जित कर देते हैं शहरी अपशिष्ट मलमूत्र से लेकर कुछ भी कभी  छट पूजा तो कभी गणेशचतुर्थी कभी दुर्गा पूजा के नाम पर। 

अमरीकी और योरोप वासी अपने परिवेश को, निकटतर  एम्बिएंस को साफ़ सुथरा रखते हैं जी जान से। हमारी मिट्टी ,हवा और पानी ही तो हम हैं। एक दिन हमें भी सुपुर्दे ख़ाक होना है उस साइल को तो न गंधायें ,हवा पानी मिट्टी यहां सबकुछ गंधाने लगा है। अंतरिक्ष -आकाश भी अपनी जीवन अवधि भुगता चुके अनगिन पिंडों को ढ़ो रहा है।अब तो आंच में भी आंच कहाँ है जठर अग्नि काया की मुर्दार सी होने को है। 

प्रेम करो जल से थल से नभ से तभी खुद को प्रेम कर पाओगे। हमारा पर्यावरण पारिस्थितिकी ही तो हम हैं।

(ज़ारी )  

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महाभारत में कहा गया है : यन्न भारते !तन्न भारते !अर्थात जो महाभारत में नहीं है वह अन्यत्र भी नहीं है।ज़ाहिर है अभी जेनेटिक्स भी उन ऊंचाइयों को स्पर्श नहीं कर सकी हैं जो यहां वर्णित हैं

महाभारत में कहा गया है : यन्न भारते !तन्न भारते !अर्थात जो महाभारत में नहीं है वह अन्यत्र भी नहीं है।ज़ाहिर है अभी जेनेटिक्स भी उन ऊंचाइयों को स्पर्श नहीं कर सकी हैं जो यहां वर्णित हैं।    पुराणों में जो कहा गया है वह शुद्ध भौतिक विज्ञानों का निचोड़ भी हो सकता है ,सारतत्व भी। ज़रूरी नहीं है वह महज़ मिथ हो और चंद लेफ्टिए मिलकर उसका मज़ाक बनाते  उपहास करते फिरें । मसलन अगस्त्य मुनि को 'घटसम्भव' कहा गया है। 'कुंभज' और 'घटयौनि' भी 'कलशज :' भी ; एक ही अभिप्राय है इन  पारिभाषिक नामों का जिसका जन्म घड़े से कलश से हुआ है वही अगस्त्य है सप्तऋषि मंडल का शान से चमकने वाला कैनोपास (Canopus )ही अगस्त्य है जो लुब्धक (sirius)के बाद दूसरा सबसे चमकीला ब्राइट स्टार है।  गांधारी के बारे में कहा जाता है जब उसे पता चला कुंती एक बच्चे को उससे पहले जन्म देने वाली है (युधिष्ठिर महाराज ज्येष्ठ पांडव उस समय कुंती के गर्भ में ही थे )उसने ईर्ष्या वश अपने गर्भ में पल रहे भ्रूण के मुष्टि प्रहार से सौ टुकड़े कर दिए यही सौ कौरव बनकर आये। एक ही फर्टिलाइज़्द ह्यूमेन एग के मुष्टि प्रहार से

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