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Uttar Pradesh News: एसपी सांसद डॉ एसटी हसन के बेतुके बोल- शरीयत में छेड़छाड़ से आई कोरोना महामारी, झेलने पड़े दो-दो तूफान

ऐसे टूलकिटिया नायाब नमूने आपको उस पार्टी में ही मिलेंगे जिसका मुखिया वेक्सीन को भी भगवा बतलाता है।

नपुंसकता  को कोविड वेक्सीन से जोड़ता है इन्हीं चमन चूतियों के चूतियापे के चलते गाँवों के लोग वेक्सीन काफिले

 को देख नदी में कूद रहें हैं या फिर ऐसे भड़क रहें हैं जैसे लाल कपड़ा लहराने पर भैंसा। वैसे इनकी टोपी का रंग भी 

 लाल है। ट्वीट कांग्रेस के मुखिया आउल मणि के अधोवस्त्र भी लाल  हैं।रणप्रीत पुर्जा उन्हें हनुमान भक्त घोषित करने 

की ताक में है। 

सन्दर्भ -सामिग्री और प्रेरण : https://navbharattimes.indiatimes.com/state/uttar-pradesh/moradabad/sp-mp-dr-st-hasans-absurd-words-corona-epidemic-came-due-to-tampering-in-shariat-had-to-face-two  


यूपी के मुरादाबाद से सांसद

डॉ एसटी हसन अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। अब उन्‍होंने कोरोना महामारी के बहाने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने पिछले सात सालों में कई नाइंसाफियां की हैं।

 
एसपी सांसद डॉ एसटी हसन


लखनऊ 

समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ एसटी हसन एक बार फिर अपने बेतुके बयान की वजह से सुर्खियों में हैं। यूपी के मुरादाबाद से सांसद हसन का कहना है कि पिछले 10 दिनों में दो तूफानों का आना और कोरोना महामारी के चलते हजारों लोगों की जान जाना यह बताता है कि पिछले सात सालों में केंद्र सरकार ने कई नाइंसाफियां की हैं। पिछले सात सालों में ऐसे कानून बनाए गए हैं जिनसे शरीयत के साथ छेड़छाड़ की गई है। इसके अलावा नागरिकता कानून भी बना दिया गया है जिसमें सिर्फ मुसलमानों को नागरिकता नहीं मिलेगी।

एसपी सांसद यहीं नहीं रुके। उन्‍होंने कहा- 'देश में कोरोना के कारण हजारों लोग मर गए। आसमानी आफत भी आई हुई है। जब नीचे वाले इंसाफ नहीं करते तो ऊपर वाला इंसाफ करता है। इंसानों की लाशें कुत्‍ते खा रहे हैं और लाशें नदियों में बहा दी गईं। श्‍मशानों में लकडि़यां कम पड़ गईं। आखिर कौन सी सरकार है ये? क्‍या सिर्फ बड़ लोगों के लिए ही है।' गौरतलब है कि पिछले दिनों देश के पश्चिमी और उत्‍तरी राज्‍यों में साइक्‍लोन ताउते और यास आया था जिसकी वजह से काफी तबाही हुई थी।

'ऊपर वाले के इंसाफ में इफ ऐंड बट नहीं होता'
डॉ एसटी हसन लगातार केंद्र सरकार को कोसते रहे। उन्‍होंने कहा कि देश में जिस तरह की सरकार और हाकिम है, उन्‍हें आशंका है कि आने वाले समय में और भी आसमानी आफतें आ सकती हैं। सांसद से जब यह कहा गया कि ये तो प्राकृतिक आपदा है तो उन्‍होंने कहा कि भारत में 99 प्रतिशत लोग धार्मिक हैं। हम यह मानते हैं कि दुनिया को चलाने वाला और इंसाफ करने वाला कोई और है। अगर जमीन वाले इंसाफ नहीं करते तो आसमान वाला करता है। जब वह इंसाफ करता है तो उसमें किंतु परंतु नहीं होता।

'सात सालों में सिर्फ अपनी पीठ थपथपाते रहे हाकिम'
समाजवादी पार्टी के सांसद ने कहा कि हर आदमी को अपनी पीठ थपथपाने का हक है। देश के हाकिम अपनी पीठ थपथपाते रहे लेकिन इन सात सालों में जनता की हालत किसी से छिपी नहीं है। लोगों के साथ भेदभाव हुआ है। ऐसे कानून बना दिए गए जिसमें शरीयत में दखल दिया गया है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में एक समुदाय को कह दिया गया कि उनको नागरिकता नहीं मिलेगी। बाकी सबको मिल जाएगी। हमने देखा है कि कोरोना महामारी के दौरान गरीब आदमी की क्‍या हालत हुई है।


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महाभारत में कहा गया है : यन्न भारते !तन्न भारते !अर्थात जो महाभारत में नहीं है वह अन्यत्र भी नहीं है।ज़ाहिर है अभी जेनेटिक्स भी उन ऊंचाइयों को स्पर्श नहीं कर सकी हैं जो यहां वर्णित हैं।    पुराणों में जो कहा गया है वह शुद्ध भौतिक विज्ञानों का निचोड़ भी हो सकता है ,सारतत्व भी। ज़रूरी नहीं है वह महज़ मिथ हो और चंद लेफ्टिए मिलकर उसका मज़ाक बनाते  उपहास करते फिरें । मसलन अगस्त्य मुनि को 'घटसम्भव' कहा गया है। 'कुंभज' और 'घटयौनि' भी 'कलशज :' भी ; एक ही अभिप्राय है इन  पारिभाषिक नामों का जिसका जन्म घड़े से कलश से हुआ है वही अगस्त्य है सप्तऋषि मंडल का शान से चमकने वाला कैनोपास (Canopus )ही अगस्त्य है जो लुब्धक (sirius)के बाद दूसरा सबसे चमकीला ब्राइट स्टार है।  गांधारी के बारे में कहा जाता है जब उसे पता चला कुंती एक बच्चे को उससे पहले जन्म देने वाली है (युधिष्ठिर महाराज ज्येष्ठ पांडव उस समय कुंती के गर्भ में ही थे )उसने ईर्ष्या वश अपने गर्भ में पल रहे भ्रूण के मुष्टि प्रहार से सौ टुकड़े कर दिए यही सौ कौरव बनकर आये। एक ही फर्टिलाइज़्द ह्यूमेन एग के मुष्टि प्रहार से

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